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2 घंटे पहले
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को टेक इट डाउन एक्ट पर साइन किए। इससे अब बिना सहमति के किसी की निजी तस्वीरें या वीडियो ऑनलाइन शेयर करना अपराध बन गया है।
इस कानून को रिवेंज पोर्न और AI-जनरेटेड डीपफेक तस्वीरों की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए लाया गया है।
इस कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी की निजी तस्वीरें या वीडियो उनकी अनुमति के बिना साझा करता है, तो उसे अपराध माना जाएगा। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वेबसाइटों को 48 घंटे के भीतर ऐसी सामग्री हटानी होगी और उसकी डुप्लीकेट कॉपी भी खोजकर हटानी होगी।
इस कानून को पारित कराने में फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प की अहम भूमिका रही। मार्च में उन्होंने कांग्रेस के सदस्यों से मिलकर इस कानून के पक्ष में लॉबिंग की थी। बिल को सीनेट और हाउस दोनों में भारी बहुमत से समर्थन मिला।
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अमेरिका में निर्वासन का सामना कर रही भारतीय छात्रा की जीत; फेडरल कोर्ट से मिली कानूनी रूप से रहने की मंजूरी

भारतीय PhD छात्रा प्रिया सक्सेना के सिर पर लटक रही निर्वासन की तलवार हट गई है। अब उनका अस्थाई रूप से अमेरिका में रहने का रास्ता साफ हो गया। 28 वर्षीय प्रिया साउथ डकोटा की एक यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं।
प्रिया को ट्रम्प प्रशासन निर्वासित करने जा रहा था, लेकिन अमेरिका की फेडरल कोर्ट के आदेश के बाद प्रिया को अब अमेरिका में रहने की कानूनी रूप से अनुमति मिल गई है। प्रिया ने हाल ही में साउथ डकोटा स्कूल ऑफ माइंस एंड टेक्नोलॉजी से केमिकल एंड बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।
अप्रैल 2025 में होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा सामान्य यातायात उल्लंघन के कारण अप्रत्याशित रूप से उनके F-1 छात्र वीजा को रद्द करने के बाद उसे निर्वासन की प्रकिया का सामना करना पड़ा था।
हालांकि, उनका वीजा फरवरी 2027 तक वैध था। फिर भी स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम रिकॉर्ड हटा दिया गया। इस वजह से संभवतः उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने और 10 मई को स्नातक होने से रोका जा सकता था।
ऐसे में उन्होंने मुकदमा दायर किया। इस पर फेडरल कोर्ट द्वारा एक अस्थायी निरोधक आदेश दिया गया।
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