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भास्कर के लिए वॉशिंगटन डीसी से डेमियन केव8 मिनट पहले
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डोनाल्ड ट्रम्प की सत्ता में वापसी के बाद से उनके परिवार की कारोबारी गतिविधियों में नई हलचल दिख रही है।
वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे एशियाई देश अब ट्रम्प कुनबे को अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट्स देकर अमेरिका से रिश्ते बेहतर करने की होड़ में लग चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन सौदों में कई देश कानूनी प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर कानूनी रियायतें दें रहे हैं।
वियतनाम के विन फुक प्रांत में 13 हजार करोड़ का ‘ट्रम्प इंटरनेशनल गोल्फ रिजॉर्ट’ प्रोजेक्ट ऐसा ही मामला है। इसे वियतनाम की सरकार ने राष्ट्रीय प्राथमिकता बताकर मंजूरी दे दी।
इसमें भूमि अधिग्रहण और वित्तीय जांच जैसी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक यह परियोजना ट्रम्प के कुनबे से जुड़ी है, इसलिए इसे कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना मंजूरी दी गई।
वहीं, इंडोनेशिया के बाली और वेस्ट जावा में भी ट्रम्प कुनबे को होटल और गोल्फ कोर्स जैसे प्रोजेकट ऑफर किए गए हैं। इनमें भी कानूनी प्रक्रियाओं को नजरअंदाज किया गया है।

वियतनाम में 21 मई को ट्रम्प गोल्फ रिसोर्ट की नींव रखी गई। इसमें खुद वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह, ट्रम्प के बेटे एरिक और बहू लारा शामिल हुए।
तुर्किये में ट्रम्प टावर्स, अजरबैजान में ट्रम्प इंटरनेशनल होटल
वियतनाम और इंडोनेशिया के अलावा ट्रम्प कुनबे को तुर्किये व अजरबैजान जैसे देश भी साधने में लगे हैं।
तुर्किये के इस्तांबुल में ट्रम्प टावर्स रेसिडेंशियल और ऑफिस कॉम्प्लेक्स जैसे प्रोजेक्ट ट्रम्प के परिवार को ऑफर किए गए हैं। इन प्रोजेक्ट्स में डोगान होल्डिंग से साझेदारी हुई है। वह तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयब एर्दोगान की पार्टी एकेपी के करीबी माने जाते हैं।
अजरबैजान का ट्रम्प इंटरनेशनल होटल। यह प्रोजेक्ट बिजनेसमैन मम्मदोव के साथ मिलकर किया जा रहा है। यहां वित्तीय लेन-देन की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।
फिलीपींस भी ट्रम्प कुनबे को प्रोजेक्ट देने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, यहां ट्रम्प को प्रोजेक्ट ऑफर करने के लिए परदे के पीछे लॉबिंग की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रम्प ने सीरिया पर लगे तमाम तरह के प्रतिबंध हटाने से पहले कई मांग रखी थी। उनमें से एक मांग ट्रम्प टावर्स की अनुमति थी।
पाकिस्तान ने भी ट्रम्प एआई प्रोजेक्ट को 2 हजार मेगावाट बिजली दी
पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने ट्रम्प की साझेदारी वाले एआई प्रोजेक्ट के लिए दो हजार मेगावाट बिजली आवंटित की है। इस बिजली का इस्तेमाल कर बिटकॉइन माइनिंग की जाएगी।
साथ ही एआई डेटा सेंटर्स में भी इस बिजली का इस्तेमाल होगा। बता दें कि पाक सरकार ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी को वैध करने का फैसला किया है।
बयान में कहा गया कि चार करोड़ क्रिप्टो यूजर के साथ, पाक डिजिटल करेंसी में अपार संभावनाएं रखता है।
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