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Status report of Shah case filed in Supreme Court | विजय शाह विवाद केस-सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सबमिट: कल होगी सुनवाई; मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन कहा था – Bhopal News

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कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताकर विवादों में फंसे एमपी के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के मामले में गठित SIT ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सबमिट कर दी है। मामले में बुधवार (28 मई) को शीर्ष अदालत में सुनवाई होगी।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई तीन आईपीएस अफसरों की एसआईटी ने इस केस से जुड़े सबूत और दस्तावेज इंदौर जिले के मानपुर थाने से लेकर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की है। एसआईटी ने 11 मई को रायकुंडा गांव में हुए हलमा कार्यक्रम के मंच पर मौजूद लोगों के बयान भी अपनी रिपोर्ट में दर्ज किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट के आधार पर बहस होगी सुप्रीम कोर्ट के एक सीनियर एडवोकेट ने बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट विजय शाह के वकील और सरकार के वकील को उपलब्ध कराई जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर बुधवार को कोर्ट में चर्चा होगी।

19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने SIT गठित की थी इससे पहले 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मंत्री विजय शाह की माफी को नामंजूर कर दिया था। इस दौरान शाह के वकील ने कहा कि उनके क्लाइंट ने माफी मांग ली है। इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि आप लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। आप पब्लिक फिगर हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए।

इसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाने के आदेश दिए। इसमें तीन IPS अधिकारियों को रखा। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को शाह के बयान पर नोटिस लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ इंदौर के महू थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

पढ़िए 19 मई को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ था?

कोर्ट ने कहा- मंत्री की माफी मगरमच्छ के आंसू जैसी जैसे ही सुनवाई शुरू हुई शाह की तरफ से पैरवी करने पहुंचे सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा- याचिकाकर्ता ने माफी मांगी है।

जस्टिस सूर्यकांत: कहां है वो माफी? और क्या है उसमें? हम देखना चाहेंगे कि आपने किस तरह की माफी मांगी है। कभी-कभी माफी बचने के लिए मांगी जाती है तो कभी-कभी ये मगरमच्छ के आंसू जैसी होती है। आपका क्या मतलब है?

जस्टिस सूर्यकांत: जिस तरह के भद्दे कमेंट उन्होंने किए वो भी बिना सोचे-समझे…अब आप उसके लिए माफी मांग रहे हैं।

जस्टिस सूर्यकांत: आप पब्लिक फिगर हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। बोलते समय जिम्मेदारी से काम लें। सेना के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं।

मनिंदर सिंह: हमें वाकई खेद है।

जस्टिस सूर्यकांत: यह तर्क खारिज किया जाता है। हम आपकी माफी स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

जस्टिस सूर्यकांत: आप लोगों के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं। आपने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। आप कह रहे हैं कि अगर आपने ठेस पहुंचाई है…तो क्या हुआ…हाई कोर्ट की तरफ से FIR दोबारा लिखने के आदेश के बाद से अब तक आपने क्या किया है।

मनिंदर सिंह: हम फिर से माफी मांगने के लिए तैयार हैं।

जस्टिस सूर्यकांत: आप जो करना चाहते हैं, हम आप पर छोड़ते हैं। आप यह संदेश देना चाहते हैं कि आपने कोर्ट के कारण माफी मांगी है।

जस्टिस सूर्यकांत: जब हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से FIR को फिर से लिखना पड़ा, तो आपने क्या किया? आपको नहीं लगता कि ये अपराध है?

जस्टिस सूर्यकांत: हम तीन IPS अधिकारियों की SIT गठित कर रहे हैं। तीनों अधिकारी मध्य प्रदेश कैडर के बाहर के होंगे। इनमें से एक IG रैंक का होना चाहिए और एक महिला अधिकारी होंगीं। यह आपके लिए लिटमस टेस्ट है।

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