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Punjab SAD Leader Sukhdev Singh Dhindsa Death Update | अकाली दल के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा का निधन: लंबे समय से बीमार थे, किसान आंदोलन के समर्थन में पद्म भूषण अवॉर्ड लौटाया था – Punjab News

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पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा का 89 साल की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बुधवार को शाम 5 बजे उन्होंने मोहाली के अस्पताल में अंतिम सांस ली।

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ढींडसा की बेटी विदेश में है। वह कल भारत पहुंचेगी। ऐसे में 30 मई को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

2019 में केंद्र सरकार ने ढींडसा को पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया था, लेकिन उन्होंने दिसंबर 2020 में किसान आंदोलन के समर्थन में अवॉर्ड लौटा दिया था। वे वर्ष 2000 से 2004 तक केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे। ढींडसा पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के साथी रहे हैं। उनके बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा भी पंजाब सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं।

पिछले साल ढींडसा को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने धार्मिक सजा सुनाई थी। उन्होंने गोल्डन टेंपल में व्हीलचेयर पर बैठकर गेट पर पहरेदारी की थी।

सुखदेव सिंह ढींडसा गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में धार्मिक सजा के दौरान व्हीलचेयर पर बैठकर पहरेदारी करते हुए।- फाइल फोटो

सुखदेव सिंह ढींडसा गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में धार्मिक सजा के दौरान व्हीलचेयर पर बैठकर पहरेदारी करते हुए।- फाइल फोटो

कौन से ढींडसा, 4 पॉइंट में जानिए…

  • संगरूर जिले के उभवाल गांव में जन्म सुखदेव सिंह ढींडसा का जन्म 9 अप्रैल 1936 को पंजाब के संगरूर जिले के उभवाल गांव में हुआ था। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई गवर्नमेंट रणबीर कॉलेज संगरूर से की थी।
  • 4 बार विधायक बने, मंत्री भी रहे: पंजाब में ढींडसा ने 1972, 1977, 1980 और 1985 में विधानसभा चुनाव जीते। वह परिवहन, खेल, पर्यटन, सांस्कृतिक मामलों और नागरिक उड्डयन जैसे विभागों के मंत्री रहे। इसके साथ वह 1998 से 2004 और 2010 से 2022 तक राज्यसभा के सदस्य रहे।
  • अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे ढींडसा 2004 से 2009 तक संगरूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे। उन्होंने 2000 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रसायन और उर्वरक, खेल मंत्रालय का कार्यभार संभाला था।
  • अलग पार्टी बनाई, फिर उसे अकाली दल में विलय किया ढींडसा ने सुखबीर बादल को पार्टी में बढ़ावा दिए जाने पर अकाली दल को छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने 2021 में शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) और शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के विलय से शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने भाजपा से भी गठबंधन किया। मार्च 2024 में उन्होंने इस पार्टी का शिरोमणि अकाली दल में विलय कर दिया।

हम खबर को अपडेट कर रहे हैं…

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