[ad_1]
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के IPO का लंबे वक्त से इंतजार हो रहा है। लगभग 9 साल पहले इसके लिए ड्राफ्ट पेपर कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास जमा किए गए थे। लेकिन IPO को मंजूरी अब तक नहीं मिल सकी है। SEBI के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने गुरुवार को विश्वास जताया कि NSE IPO से जुड़े सभी मौजूदा इश्यूज जल्द ही हल हो जाएंगे। यह पहली बार नहीं है जब पांडेय ने ऐसा कहा है। वह पहले भी कह चुके हैं कि सेबी NSE IPO से जुड़े मसलों को जल्द से जल्द हल करने पर काम कर रहा है।
SEBI को NSE IPO को लेकर कुछ चिंताएं हैं। इनमें मैनेजमेंट के प्रमुख कर्मियों को दिया जाने वाला कंपंजेशन, टेक्नोलॉजी और क्लियरिंग कॉरपोरेशन में मेजॉरिटी ओनरशिप आदि शामिल हैं। उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम से इतर पांडेय ने कहा, ‘‘सभी मसलों का समाधान किया जाएगा और हम आगे बढ़ेंगे…NSE और सेबी बातचीत कर रहे हैं। वे इश्यूज का समाधान कर रहे हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह मामला सुलझ जाएगा…’’ यह पूछे जाने पर कि इश्यूज कब सुलझेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोई टाइमलाइन नहीं बता सकता लेकिन हम जल्द ही हल कर लेंगे।’’
पहली बार 2016 में किया था आवेदन
NSE ने पहली बार 2016 में लिस्टिंग के लिए आवेदन किया था। ऑफर फॉर सेल के तहत मौजूदा शेयरधारकों के 22 प्रतिशत शेयर बेचकर 10,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान था। लेकिन गवर्नेंस और को-लोकेशन घोटाले से जुड़े रेगुलेटरी कंसर्न्स के चलते SEBI ने मंजूरी नहीं दी। 2019 में, SEBI ने को-लोकेशन घोटाला मामले के चलते IPO दस्तावेज लौटा दिए, और पहले इस मुद्दे को हल करने की मांग की। हालांकि, NSE ने तब से 2019 में, 2020 में दो बार और 2024 में सेबी से कई बार मंजूरी मांगी।
NSE ने अक्टूबर 2024 में 643 करोड़ रुपये का जुर्माना देकर को-लोकेशन घोटाले के एक चैप्टर का निपटारा कर दिया, लेकिन उसी विवाद से जुड़े मामले अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लटके हुए हैं। इस साल 28 मार्च को, NSE ने अपने IPO के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की मांग करते हुए SEBI के पास एक आवेदन किया था। NOC एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। NSE की ओर से IPO के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किए जाने से पहले इसका मिलना जरूरी है।
[ad_2]
Source link