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NSE IPO: एनएसई के आईपीओ के लिए रास्ता होगा साफ, सेबी के साथ को-लोकेशन मामले का जल्द हो सकता है सेटलमेंट – nse ipo sebi and nse discussion is in advance stage to settle nse co location case it will clear the way for nse ipo

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सेबी और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने को-लोकेशन मामले के सेटलमेंट के लिए बातचीत शुरू कर दी है। एनएसई के आईपीओ लाने के प्लान पर इस मामले का असर पड़ा है। इस मसले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि को-लोकेशन मामले के सेटलमेंट के लिए सेबी और एनएसई की बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। दरअसल, सेबी ने इस मामले में सिक्योरिटीज एपेलेट ट्राइब्यूनल (एसएटी) के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। एसएटी ने इस मामले में 2019 में एनएसई पर लगाई गई पेनाल्टी कम कर दी थी।

सेबी और एनएसई में डेढ़ महीने से चल रही बातचीत

इस मसले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, “सेबी और एनएसई के बीच को-लोकेशन मामले के सेटलमेंट के लिए करीब डेढ़ महीने पहले बातचीत शुरू हुई थी। अभी दोनों पक्ष समझौते की शर्तों पर विचार कर रहे हैं। इस बात पर भी बात हो रही है कि इस मामले के निपटारे के लिए एनएसई को कितनी पेनाल्टी सेबी को चुकानी पड़ेगी।” को-लोकेशन मामले में कुछ ब्रोकर्स पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने अपने सर्वर्स फिजिकल रूप से एनएसई के सर्वर्स के करीब रखे थे, जिससे उन्हें सेबी के सर्वर के डेटा का एक्सेस जल्द मिला था। इससे उन्हें दूसरे ब्रोकर्स के मुकाबले ज्यादा मुनाफा कमाने में मदद मिली थी।

NSE को 2023 के मुकाबले दोगुना पैसा चुकाना पड़ सकता है

इस मामले से जुड़े एक दूसरे व्यक्ति ने बताया कि सेबी एनएसई को 2023 में चुकाए गए 643 करोड़ रुपये के मुकाबले दोगुना पैसा चुकाने को कह सकता है। NSE ने 2019 में सेबी को यह पेनाल्टी ट्रेडिंग एक्सेस प्वाइंट (TAP) मामले में चुकाई थी। यह सेटलमेंट के लिए अब तक चुकाया गया सबसे ज्यादा अमाउंट है। व्यक्ति ने कहा, “एनएसई ने ट्रेडिंग एक्सेस प्वाइंट (TAP) मामले में जो सेटलमेंट अमाउंट चुकाया था, उसके आधार पर ऐसा लगता है कि SEBI को-लोकेशन मामले के निपटारे के लिए एनएसई को काफी बड़ा अमाउंट चुकाने को कह सकता है। यह टीएपी के मुकाबले दोगुना हो सकता है।”

को-लोकेशन मामले के सेटलमेंट से मार्केट में भरोसा बढ़ेगा

सेबी के सेटलमेंट से जुड़े नियमों में यह प्रावधान है कि कोई एनटिटी आरोपों को स्वीकार या खारिज किए बगैर पेनाल्टी का पेमेंट कर सकती है। पेनाल्टी के अमाउंट का निर्धारण एक फॉर्मूला के आधार पर होता है। एडवोकेट विश्वनाथन अय्यर ने कहा कि इस मामले के निपटारे के लिए सेबी और एनएसई को व्यावहारिक रुख अपनाना होगा। इस मामले का जल्द और नयायोचित निपटारा पब्लिक इंटरेस्ट में होगा। इससे मार्केट में भरोसा बढ़ेगा। इस बारे में सेबी और एनएसई को भेजे ईमेल का जवाब नहीं मिला।

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