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Mohan Bhagwat Hindu | RSS Chief On National Security – Operation Sindoor | भागवत बोले-हमारे पास ताकतवर होने के सिवा कोई विकल्प नहीं: कहा- हिंदू एक हों, देश की सेना को भी मजबूत बनाएं, ताकि कोई उसे जीत न सके

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नई दिल्ली8 मिनट पहले

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यह इंटरव्यू 21-23 मार्च 2025 को RSS अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दौरान लिया गया था। - Dainik Bhaskar

यह इंटरव्यू 21-23 मार्च 2025 को RSS अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दौरान लिया गया था।

RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि भारत के पास शक्तिशाली होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि वह अपनी सभी सीमाओं पर बुरी ताकतों की दुष्टता को देख रहा है। भागवत ने हिंदू समाज से एक होने और भारतीय सेना को ताकतवर बनाने की अपील की ताकि कई शक्तियां एक साथ आने पर भी उसे जीत न सकें।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शक्ति को धर्म के साथ जोड़ना चाहिए। हमें सद्गुण और शक्ति दोनों की पूजा करनी चाहिए। लोगों की रक्षा के लिए, दुष्टों का खात्मा करने के लिए, यही हमारी शक्ति का स्वभाव होना चाहिए।

भागवत ने कहा- कृषि, औद्योगिक और वैज्ञानिक क्रांतियां खत्म हो चुकी हैं। अब दुनिया को एक धार्मिक क्रांति की जरूरत है और भारत को ही इसका रास्ता दिखाना होगा।

RSS चीफ ने संघ की वीकली मैगजीन ऑर्गनाइजर को दो महीने पहले बेंगलुरु में RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद एक इंटरव्यू दिया था, जो मई के जिसमें उन्होंने भारत की सेना, अर्थव्यवस्था, हिंदू समाज, धर्म पर अपनी बात रखी।

भागवत के इंटरव्यू की बड़ी बातें…

  • जब कोई विकल्प उपलब्ध न हो, तो दुष्टता को बलपूर्वक मिटाना पड़ता है। हम विश्व व्यापार पर हावी होने के लिए ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम चाहते हैं कि हर कोई शांतिपूर्ण, स्वस्थ और सशक्त जीवन जी सके।
  • हिंदुओं की चिंता तभी होगी जब हिंदू खुद मजबूत होंगे। हिंदू और भारत एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, मजबूत हिंदू समाज ही उन लोगों को साथ लेकर चल सकता है जो खुद को हिंदू नहीं मानते, क्योंकि एक समय वे भी हिंदू थे।
  • हिंदू समाज को मजबूत करने के लिए काम चल रहा है, लेकिन यह अभी पूरा नहीं हुआ है। अगर भारत का हिंदू समाज मजबूत हो जाता है, तो अपने आप ही हिंदू वैश्विक रूप से मजबूत हो जाएंगे।
  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों के खिलाफ जिस तरह से पीड़ा व्यक्त की गई है, वह अभूतपूर्व है। यहां तक ​​कि बांग्लादेश हिंदू भी अब कहते हैं, हम भागेंगे नहीं। हम रहेंगे और अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।

RSS की 100 साल की यात्रा और महिला भागीदारी पर भी बोले

भागवत ने कहा- संघ के पास कुछ नहीं था। विचार की मान्यता नहीं, प्रचार का साधन नहीं था। समाज में उपेक्षा और विरोध ही था। कार्यकर्ता भी नहीं थे। यह भविष्यवाणी की जाती थी कि यह पैदा होते ही मर जाने वाला है। लेकिन संघ सफल होकर निकला और 1950 तक यह साबित हो गया कि संघ आगे बढ़ेगा। इसी पद्धति से हिन्दू समाज को भी संगठित किया जा सकता है। आपातकाल के बाद संघ की ताकत कई गुना बढ़ गई।

हम यह भी मानते हैं कि महिलाओं का उद्धार पुरुष नहीं कर सकते। महिलाएं स्वयं अपना उद्धार करेंगी, उसमें सबका उद्धार हो जाएगा। इसलिए हम उन्हीं को प्रमुखता देते हैं और जो वे करना चाहती हैं, उसके लिए उनको सशक्त बनाते हैं।

पाकिस्तान पर कहा था- भारत पड़ोसी को नुकसान नहीं पहुंचाता

नई दिल्ली में किताब विमोचन के दौरान भागवत ने कहा था कि अहिंसा हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है, लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे कुछ भी कर लो, वे दुनिया को परेशान करते रहेंगे, तो उनका क्या करें। राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना है, राजा को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।

भागवत ने कहा- अहिंसा हमारा धर्म है। गुंडों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म है। हम अपने पड़ोसियों का कभी अपमान या नुकसान नहीं करते, लेकिन फिर भी अगर कोई बुराई पर उतर आए तो दूसरा विकल्प क्या है? दुनिया को हमें बहुत सिखाना है और हमारे पास बहुत है। पढ़ें पूरी खबर…

पहलगाम हमले पर कहा था- हिंदू कभी धर्म पूछकर नहीं मारेगा

पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए भागवत ने मुंबई के एक इवेंट में कहा था कि आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछने के बाद हत्या की। हिंदू कभी ऐसा नहीं करेगा। यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच की है। हमारा देश कितना शक्तिशाली है यह दिखाने का समय आ गया है।

भागवत ने कहा था- हमारे दिल में दर्द है। हम गुस्से में हैं। लेकिन बुराई को नष्ट करने के लिए ताकत दिखानी होगी। रावण, भगवान शिव के भक्त थे लेकिन वे बुराईयों से दूर नहीं रह सके। भगवान राम ने रावण को सुधरने का मौका भी दिया लेकिन बाद में सबक सिखाना ही पड़ा। पढ़ें पूरी खबर…

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