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Kailash Mansarovar Yatra: भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 की शुरुआत की घोषणा की। मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए MEA ने बताया कि यात्रा जून में शुरू होगी और अगस्त तक जारी रहेगी। 2025 की यात्रा के लिए कुल 750 यात्रियों का चयन किया गया है। यात्रियों का चयन कंप्यूटराइज्ड, रैंडम और मेल-फीमेल को ध्यान में रखते हुए लकी ड्रॉ के माध्यम से किया गया है।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने नई दिल्ली में इस लकी ड्रॉ का संचालन किया। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और निष्पक्ष थी, जिसमें सभी एलिजिबल आवेदकों को समान अवसर दिए गया।
5561 लोगों ने कराया था रजिस्ट्रेशन
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए इस साल कुल 5561 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें 4024 पुरुष और 1537 महिलाएं शामिल थी। लकी ड्रा में चयनित उम्मीदवारों को मैसेज और ईमेल के माध्यम से सूचित कर दिया गया है। वे आधिकारिक यात्रा वेबसाइट (https://kmy.gov.in) के माध्यम से या 011-23088133 पर हेल्पलाइन पर कॉल करके भी अपने रजिस्ट्रेशन पर अपडेट ले सकते हैं।
मोटर मार्गों से होगी यात्रा, नहीं करनी होगी मुश्किल चढ़ाई
सरकार ने 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा को पैदल की बजाय गाड़ियों से करने की योजना बनाई है। यात्रा पूरी तरह से दो मोटर योग्य मार्गों लिपुलेख और नाथूला से की जाएगी। इन मार्गों से यात्रियों को मुश्किल ट्रैकिंग नहीं करनी पड़ेगी। लिपुलेख से जाने वाले रोड पर 50 यात्रियों के पांच जत्थे होंगे, जबकि नाथू ला मार्ग पर 50 यात्रियों के दस जत्थे होंगे। प्रत्येक जत्थे के साथ दो अधिकारी साथ में जाएंगे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कैलाश मानसरोवर यात्रा में कैलाश पर्वत की परिक्रमा के दौरान यात्रियों को करीब 52 से 55 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। यह यात्रा 3 दिन में पूरी होती है। यात्रा की शुरुआत 4600 मीटर ऊंची तारबोचे घाटी से होती है।
कई धर्मों में है कैलाश मानसरोवर यात्रा का है विशेष महत्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखती है। लोग अपने जीवन में कम से कम एक बार तिब्बत में स्थित पवित्र कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की यात्रा करना चाहते है। बता दें कि कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित कर दी गई थी। साथ ही भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर हिंसक संघर्ष के बाद अगले वर्षों में भी यात्रा स्थगित रही। हालांकि, 2025 की शुरुआत में दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त करने पर सहमति जताई। इस सहमति के बाद वे जनवरी में यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमत हुए।
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