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आईपीओ मार्केट में रौनक लौटती दिख रही है। लेकिन, आईपीओ में हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) की दिलचस्पी घटती दिख रही है। प्राइम डेटाबेस के डेटा से यह जानकारी मिली है। 2025 में एचएनआई अप्लिकेशंस की औसत संख्या बीते कई सालों में पहली बार घटी है। कुछ कंपनियों के आईपीओ में तो एचएनआई सेगमेंट में अप्लिकेशंस की संख्या सिर्फ कुछ हजार रही है। ऐसे आईपीओ में एथर एनर्जी, डॉ अग्रवाल हेल्थकेयर और क्वालिटी पावर के आईपीओ शामिल हैं।
जनवरी के बाद से बदला है ट्रेंड
जनवरी में आए IPO में एचएनआई के अप्लिकेशंस की संख्या लाखों में थी। इस साल 24 मई तक कुल 12 कंपनियों के आईपीओ आए हैं। इन कंपनियों ने IPO से करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इनमें एचएनआई अप्लिकेशंस की औसत संख्या 1.2 लाख रही है, जो पिछले साल के 1.44 लाख के मुकाबले काफी कम है। एचएनआई के अप्लिकेशंस की औसत संख्या 1 लाख से ज्यादा इसलिए रही है, क्योंकि इस साल जनवरी में आए कुछ अप्लिकेशंस में एचएनआई की अच्छी दिलचस्पी देखने को मिली थी।
कई आईपीओ में अप्लिकेशंस की संख्या सिर्फ कुछ हजार रही
इस साल की शुरुआत में Standard Glass Lining Technology, Quadrant Future Tek, Laxmi Dental, Stallion India Fluorochemicals और and Denta Water & Infra Solutions के आईपीओ आए थे। इनमें से हर आईपीओ में एचएनआई अप्लिकेशंस की संख्या 2-2.3 लाख के बीच थी। लेकिन, उसके बाद से ट्रेंड में बदलाव देखने को मिला। Dr. Agarwal’s Health Care, Ajax Engineering, Hexaware Technologies, Quality Power Electrical Equipments और Ather Energy के आईपीओ में एचएनआई अप्लिकेशंस की संख्या घटकर सिर्फ कुछ हजार रह गई।
हेक्सावेयर के आईपीओ में भी एचएनआई की दिलचस्पी नहीं
Hexaware Technologies का आईपीओ 8,750 करोड़ रुपये का था। इसमें एचएनआई अप्लिकेशंस की संख्या सिर्फ 3,540 करोड़ रही। एथर एनर्जी का आईपीओ अप्रैल में आया था। इस कंपनी ने इश्यू से 2,981 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस आईपीओ में एचएनआई अप्लिकेशंस की संख्या सिर्फ 3,940 थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में आईपीओ में एचएनआई की दिलचस्पी घटी है। इसकी वजह ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता के साथ ही टैरिफ वॉर का असर हो सकता है।
दुनिया में बढ़ती वॉर हो सकती है वजह
एक इनवेस्टमेंट बैंकर ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में टैरिफ वॉर का असर मार्केट सेंटिमेंट पर देखने को मिला है। इसका असर प्राइमरी मार्केट में एचएनआई की दिलचस्पी पर भी पड़ा है। डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उसके बाद उन्होंने जिस तरह की पॉलिसी अपनाई है, उसका असर मार्केट के सेंटिमेंट पर पड़ा है। इसलिए जनवरी के बाद से आईपीओ में एचएनआई की दिलचस्पी में कमी देखने को मिली है।
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