[ad_1]
Groww IPO: बेंगलुरु स्थित ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकिंग और इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म Groww अगले दो हफ्तों में मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए गोपनीय ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल करने की तैयारी में है। यह जानकारी मामले से जुड़े दो सूत्रों ने Moneycontrol को दी है।
GIC से मिला $150 मिलियन का निवेश
Groww इस बीच सिंगापुर की एसेट मैनेजमेंट फर्म GIC से $150 मिलियन की फंडिंग जुटा रहा है। यह फंडिंग एक बड़े $250-300 मिलियन के प्री-IPO राउंड का हिस्सा है, जिसकी डील अगले दो हफ्तों में पूरी होने की संभावना है। इस राउंड के बाद कंपनी का पोस्ट-मनी वैल्यूएशन $7 बिलियन आंका गया है।
सूत्रों के मुताबिक, IPO के लिए Groww $7-8 बिलियन के कंर्वेटिव वैल्यूएशन पर विचार कर रहा है। यह मौजूदा मार्केट सेंटिमेंट और वोलैटिलिटी को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है।
DRHP में होगा लेटेस्ट डेटा
SEBI की मंजूरी मिलने में लगभग 2-3 महीने का समय लग सकता है। इसके बाद कंपनी अपडेटेड DRHP फाइल करेगी। इसके बाद तय होगा कि आईओ कब तक आएगा। अपडेटेड DRHP में लेटेस्ट क्वार्टर के वित्तीय आंकड़े भी सार्वजनिक किए जाएंगे।
Groww की कारोबारी सेहत
Groww ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में ₹3,145 करोड़ का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू दर्ज किया है। यह पिछले वित्त वर्ष (FY23) के ₹1,435 करोड़ से दोगुना से अधिक है। कंपनी का ऑपरेशनल प्रॉफिट भी ₹458 करोड़ से बढ़कर ₹535 करोड़ हो गया, यानी 17% की सालाना वृद्धि।
हालांकि, अमेरिका के डेलावेयर से भारत (बेंगलुरु) में रजिस्ट्रेशन शिफ्ट करने के कारण Groww को ₹1,340 करोड़ का एकमुश्त डोमिसाइल टैक्स देना पड़ा। इससे कंपनी को FY24 में ₹805 करोड़ का नेट लॉस हुआ।
मुश्किल दौर में ब्रोकर इंडस्ट्री
Groww का IPO ऐसे समय में आ रहा है, जब ब्रोकिंग सेक्टर पर कई नियामकीय सख्तियां लागू हो चुकी हैं। अप्रैल 2025 में Groww के एक्टिव इन्वेस्टर्स की संख्या में करीब 75,000 की गिरावट दर्ज की गई।
वहीं, दूसरी सबसे बड़ी ब्रोकिंग फर्म Zerodha ने इसी अवधि में 55,000 से अधिक एक्टिव यूजर खोए। Zerodha के लिए यह पांचवां लगातार महीना है जब एक्टिव इन्वेस्टर्स की संख्या में गिरावट आई है। भारत डिस्काउंट ब्रोकिंग/जीरो ब्रोकरेज मॉडल की शुरुआत Zerodha ने ही की थी।
किस तरह के रेगुलेटरी बदलाव
अगर रेगुलेटरी बदलावों की बात करें, तो इसमें ट्रेडिंग पर अधिक टैक्स, एक्सचेंज रिबेट्स में कटौती, और रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग पर सख्ती। विश्लेषकों का मानना है कि FY25 की दूसरी छमाही में कई ब्रोकिंग फर्मों की टॉपलाइन में 30-50% तक गिरावट आ सकती है।
Angel One को 49% प्रॉफिट गिरावट
Angel One शेयर बाजार में लिस्टेड ब्रोकिंग फर्म है। इसने मार्च 2025 तिमाही में ₹175 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में ₹340 करोड़ था यानी 49% की गिरावट।
कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू भी 22% घटकर ₹1,056 करोड़ रह गया, जबकि FY24 की समान तिमाही में यह ₹1,357 करोड़ था।
[ad_2]
Source link