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GIC Re Q4 Results: सरकार के मालिकाना हक वाली री-इंश्योरेंस कंपनी General Insurance Corporation of India (GIC Re) ने मार्च 2025 में समाप्त चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजों का ऐलान कर दिया है। कंपनी ने 17% की गिरावट के साथ ₹2,183 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में ₹2,642 करोड़ रहा था।
कंपनी की स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, तिमाही के दौरान ग्रॉस प्रीमियम इनकम 18.8% बढ़कर ₹10,367 करोड़ रही, जबकि पिछले साल यह ₹8,724 करोड़ थी। इसी अवधि में कुल आय ₹9,222 करोड़ से बढ़कर ₹11,364 करोड़ हो गई।
हालांकि, कंपनी को तिमाही में ₹392 करोड़ का अंडरराइटिंग घाटा हुआ, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹570 करोड़ का अंडरराइटिंग लाभ दर्ज किया गया था।
डिविडेंड की सिफारिश
GIC Re के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹5 अंकित मूल्य वाले प्रत्येक शेयर पर ₹10 (200%) डिविडेंड देने की सिफारिश की है, जो शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है।
सालाना प्रदर्शन मजबूत
पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 3% की बढ़त के साथ ₹6,701 करोड़ रहा, जो FY24 में ₹6,497 करोड़ था। इस दौरान ग्रॉस प्रीमियम इनकम 10.7% बढ़कर ₹41,154 करोड़ पर पहुंच गई, जबकि FY24 में यह ₹37,182 करोड़ थी।
सॉल्वेंसी और एसेट्स में सुधार
मार्च 2025 के अंत तक कंपनी का सॉल्वेंसी रेश्यो 3.25 से बढ़कर 3.70 हो गया, जो रेगुलेटरी जरूरतों से से कहीं बेहतर स्थिति बतात है। वहीं, कुल परिसंपत्तियां ₹1,78,286 करोड़ से बढ़कर ₹1,87,616 करोड़ तक पहुंच गईं।
भारतीय बाजार में अग्रणी भूमिका
GIC Re भारत के घरेलू री-इंश्योरेंस मार्केट में सबसे बड़ी कंपनी है। री-इंश्योरेंस (Reinsurance) का मतलब होता है- बीमा कंपनियों का बीमा। यह अधिकांश भारतीय बीमा कंपनियों के ट्रीटी प्रोग्राम और फैकल्टेटिव प्लेसमेंट्स का नेतृत्व करती है। कंपनी की बाजार में स्थायी उपस्थिति और मजबूत बैलेंस शीट इसे प्रतिस्पर्धी बढ़त देती है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।
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