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Civil Defence Mock Drill: देश के चार सीमावर्ती राज्यों में 29 मई को सिविल मॉक ड्रिल किया जाएगा। यह मॉक ड्रिल गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू कश्मीर में किया जाएगा। इससे पहले देश भर में 7 मई को सिविल मॉक ड्रिल किया गया था। गृह मंत्रालय ने 7 मई को देश भर के 244 जिलों में एक बड़े नागरिक मॉक ड्रिल का आदेश दिया था। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद यह दूसरा मौका होगा जब मॉक ड्रिल किया जाएगा।
बता दें कि 29 मई को भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के राज्यों में होने वाली इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य किसी भी संभावित हमले या आपातकालीन स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और सरकारी एजेंसियों की तैयारियों का आकलन करना है। भारत-पाकिस्तान के बीच चले सैन्य टकराव के बाद यह दूसरी बार किया जा रहा है।
पहलगाम हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत का पलटवार
पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले में 22 अप्रैल को 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। इस हमले का जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने 6 और 7 मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत प्रहार किया। इस सैन्य कार्रवाई में, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादियों को खत्म कर दिया गया।
मॉकड्रिल का उद्देश्य
इस सिविल मॉकड्रिल का मुख्य उद्देश्य संभावित आतंकवादी खतरों के खिलाफ देश की तैयारी को पुख्ता करना और संकट या आतंकी हमले की स्थिति में अपनी संभावित रणनीतियों का मूल्यांकन करना है। पिछले मॉकड्रिल्स में, विभिन्न राज्यों में आतंकवाद निरोधी दस्तों (Anti Terror Squads) और कमांडो ने अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर एक वास्तविक आतंकवादी हमले का अनुकरण किया था। इन अभ्यासों से आपातकालीन सेवाओं और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं को परखा जाता है।
भारत की आतंकवाद पर ‘जीरो-टॉलरेंस’ नीति
हाल ही में भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को विश्व भर में उजागर करने के लिए सात मल्टी-पार्टी प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के विभिन्न देशों में भेजा। इस कदम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों और फर्जी दावों को उजागर करना है। आतंकवाद के खिलाफ भारत के ‘जीरो-टॉलरेंस’ वाले एकजुट संदेश को साझा करना भी है जिसे वैश्विक समुदाय के सदस्यों से मजबूत समर्थन मिल रहा है।
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