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Bangladesh Political Crisis Situation Update; Army | Muhammad Yunus | बांग्लादेश में सेना ने गश्त बढ़ाई: बख्तरबंद गाड़ियों से घूम रहे सैनिक; पिछले महीने 2 हजार से ज्यादा लोग हिरासत में लिए

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ढाका3 दिन पहले

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सेना की तैनाती की इन तस्वीरों को राजधानी ढाका का बताया जा रहा है। - Dainik Bhaskar

सेना की तैनाती की इन तस्वीरों को राजधानी ढाका का बताया जा रहा है।

बांग्लादेश में सेना ने देश के अलग-अलग हिस्सों में गश्त बढ़ा दी है। ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना ने पिछले कुछ दिनों में अपने अभियान तेज किए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक सेना ने कई जगहों पर तैनाती भी बढ़ाई है। सैन्य कर्मी बख्तरबंद गाड़ियों के साथ देशभर में सक्रिय नजर आ रहे हैं।

सेना ने मिलकर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एजेंसियों के साथ पिछले महीने 2 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया।

पिछले साल अगस्त में अपनी तैनाती के बाद से सेना ने अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।

यूनुस बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार बने रहेंगे

बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल पुथल के बीच सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस अपने पद पर बने रहेंगे। इससे पहले माना जा रहा था कि वो राजनीतिक और सैन्य दबाव के चलते इस्तीफा दे सकते हैं।

मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को सलाहकार परिषद की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद प्लानिंग एडवाइजर वाहिदुद्दीन महमूद ने कहा- मोहम्मद यूनुस हमारे साथ बने रहेंगे।

उन्होंने कहा कि हम लोगों को भी नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। न्यूज एजेंसी यूएनबी के मुताबिक सलाहकार परिषद की एक बैठक के बाद जल्द मंत्रियों के साथ बैठक होगी।

वहीं, सेना प्रमुख वकार-उज-जमां ने स्पष्ट रूप से दिसंबर तक चुनाव कराने का अल्टीमेटम दिया है। दूसरी ओर, विपक्षी दल BNP और जमात-ए-इस्लामी के बीच चुनाव को लेकर चर्चा और सड़कों पर संघर्ष की रणनीतियां बन रही हैं।

छात्र संगठन बोले थे- न्याय नहीं मिला तो लोकतंत्र मजाक बन जाएगा

नेशनल सिटिजन पार्टी (NSP), जमात-ए-इस्लामी के स्टूडेंट विंग छात्र शिबिर और वामपंथी छात्र संगठनों ने एकमत होकर कहा है कि जब तक पिछली सरकार के दौरान हुई हिंसा और हत्याओं की निष्पक्ष जांच नहीं होती, चुनाव का कोई मतलब नहीं।

एनसीपी के छात्र नेता नाहिद इस्लाम का कहना है कि अगर देश के सभी वर्ग इस तरह असहयोग करेंगे तो डॉ. यूनुस इस्तीफा दे देंगे। हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे इस्तीफा न दें, लेकिन चुनाव से पहले न्याय जरूरी है।

जुलाई 2024 में अवामी लीग द्वारा किए गए नरसंहार को लेकर छात्र संगठन आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि न्याय के बिना लोकतंत्र मजाक बन जाएगा।

जुलाई 2024 में अवामी लीग द्वारा किए गए नरसंहार को लेकर छात्र संगठन आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि न्याय के बिना लोकतंत्र मजाक बन जाएगा।

BNP बोली- बिना चुनाव कोई भी सरकार अवैध

पूर्व पीएम खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने डॉ. यूनुस की सरकार से तुरंत चुनाव रोडमैप की मांग की है। पार्टी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि रोडमैप के बिना वर्तमान सरकार का समर्थन संभव नहीं है।

सूत्रों के अनुसार, बीते सप्ताह BNP और जमात-ए-इस्लामी के बीच 4 बैठकें हुई हैं, जिनमें आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हुई। सेना के दबाव में डॉ. यूनुस के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई हैं।

वहीं चर्चा है कि वे चुनाव कराए बिना राजनीतिक दलों से बातचीत कर फिर से एक राष्ट्रीय सरकार बनाने की कोशिश कर सकते हैं। BNP ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव के बिना किसी भी राष्ट्रीय सरकार को वह वैध नहीं मानेगी।

खालिदा जिया ने भी दिसंबर में चुनाव कराने की मांग दोहराई

पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की BNP ने भी यूनुस पर दबाव बढ़ाते हुए दिसंबर में चुनाव कराने की मांग दोहराई है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्द चुनावी रोडमैप तैयार कर इसकी सार्वजनिक घोषणा नहीं करती, तो उनका सरकार के साथ सहयोग जारी रखना मुश्किल हो जाएगा।

अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने अब तक चुनावों को जनवरी-जून 2026 के बीच कराने की बात कही है। सेना इसे दिसंबर 2025 से आगे खींचने को लेकर नाराज है। इसके चलते आगे टकराव तेज हो सकते हैं।यूनुस के अलावा कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी भी चुनाव टालने के पक्ष में हैं।

सूत्रों से संकेत मिल रहे हैं कि सरकार को पांच साल तक बने रहने की उम्मीद थी, जिसे सेना-छात्रों के दबाव ने गंभीर संकट में डाल दिया है। गृह मंत्रालय के सलाहकार भी कह चुके हैं कि जनता चाहती है कि यह सरकार पांच साल तक बनी रहे।सैन्य अधिकारियों ने यहां तक कहा कि अगर सरकार जिद पर अड़ी रही, तो हालात बेकाबू हो सकते हैं।

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