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‘ऑपरेशन सिंदूर’ में महिला पायलटों ने चटाई थी पाकिस्तान को धूल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान – women pilots instrumental during operation sindoor rajnath singh hails nari shakti

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Operation Sindoor: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक बड़ी बात कही हैं। उन्होंने ‘नारी शक्ति’ की सराहना करते हुए कहा कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई में महिला पायलटों ने पाकिस्तान में ठिकानों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सशस्त्र बलों की हर शाखा में महिलाओं की सक्रिय और प्रभावी भागीदारी रही। गोवा में आईएनएसवी तारिणी के फ्लैग-इन समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने ये बात कही।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में महिला पायलटों ने निभाई बड़ी भूमिका

यह पहला मौका है जब रक्षा मंत्री ने सार्वजनिक रूप से इस बात की पुष्टि की है कि महिला पायलट और महिला सैनिक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा थीं। बता दें कि इस ऑपरेशन के तहत, भारतीय सेना ने 7 और 8 मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। भारत सरकार की यह पुष्टि सीएनएन-न्यूज18 की 23 मई की उस रिपोर्ट के एक हफ्ते बाद आई है, जिसमें सबसे पहले बताया गया था कि भारतीय वायु सेना की महिला पायलट ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का एक प्रमुख हिस्सा थीं।

सशस्त्र बलों में नारी शक्ति की बढ़ती भूमिका

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सशस्त्र बलों की हर शाखा में महिलाओं की सक्रिय और प्रभावी भागीदारी रही। उन्होंने कहा कि जब से सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, उन्होंने हर भूमिका में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है और हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। सियाचिन की ऊंचाइयों से लेकर महासागर की गहराइयों तक, भारतीय महिलाएं कई जिम्मेदारियां निभा रही हैं, जिससे देश की सुरक्षा और भी मजबूत हुई है।

आज सैनिक स्कूलों के दरवाजे लड़कियों के लिए खुले हैं और इस महीने नेशनल डिफेंस एकेडमी से 17 महिलाएं पास आउट हो रही हैं। जब से सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, उन्होंने हर भूमिका में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है और हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है।’

‘नाविका सागर परिक्रमा II’ की सफलता पर जताई खुशी

गोवा में उन्होंने दो महिला नौसेना अधिकारियों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए की भी सराहना की, जो ‘नाविका सागर परिक्रमा II’ के सफल समापन के बाद घर लौट आई हैं। उन्होंने इस ऐतिहासिक अभियान को पूरा करने में उनके साहस, प्रतिबद्धता और धीरज की प्रशंसा की और इसे ‘नारी शक्ति’, या महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताया।

अभियान के दूसरे संस्करण में, यह जोड़ी भारत से डबल-हैंडेड मोड में ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली पहली बन गई। बता दें कि इन दोनों अधिकारियों ने आठ महीनों में 25,600 समुद्री मील की दूरी तय की, जिसमें फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलेटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (फॉकलैंड द्वीप समूह) और केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) में पोर्ट कॉल किए गए। रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों अधिकारियों को उनके पोर्ट कॉल के दौरान मिले गर्मजोशी भरे स्वागत ने दुनिया भर में तिरंगा लहराकर देश को गौरवान्वित किया है।

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