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IT Stocks: चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एनवीडिया की धमाकेदार तिमाही और अमेरिकी ट्रेड कोर्ट का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ पर रोक लगाने के फैसले ने आईटी शेयरों को रॉकेट बना दिया। लगातार दो दिन से टूट रहा प्रमुख आईटी शेयरों को ट्रैक करने वाला निफ्टी आईटी इंडेक्स आज करीब एक फीसदी उछल गया और सेक्टरवाइज टॉप गेनर बन गया। स्टॉकवाइज बात करें तो निफ्टी आईटी पर सबसे तेज उछाल एलटीआई माइंडट्री (LTI Mindtree) में रही जो करीब 3 फीसदी उछल गया। वहीं पर्सिस्टेंट सिस्टम्स (Persistent Systems) और कोफोर्ज (Coforge) करीब 2 फीसदी तो इंफोसिस (Infosys) करीब डेढ़ फीसदी उछल गए। एमफेसिस (Mphasis) और टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) में करीब 1 फीसदी की तेजी आई तो विप्रो (Wipro) और टीसीएस (TCS) में मामूली तेजी है।
अमेरिकी कोर्ट के फैसले से भारतीय आईटी स्टॉक्स में तेजी क्यों?
अमेरिका के मैनहट्टन स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय (कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड) ने फैसला सुनाया कि ट्रम्प ने उन देशों से आयात पर व्यापक शुल्क लगाकर अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है जो अमेरिका से जितना खरीदते हैं, उससे कहीं अधिक अमेरिका को बेचते हैं। कोर्ट के मुताबिक अमेरिकी संविधान कांग्रेस को अन्य देशों के साथ रेगेलुटेड बिजनेस का विशेष अधिकार देता है। तीन जजेज के पैनल ने कहा कि टैरिफ के लीवरेज के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति पर कोर्ट विचार नहीं करेगा लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि कोर्ट का कहना है कि ऐसा इसलिए नहीं है कि यह अच्छी चीज नहीं है बल्कि इसलिए क्योंकि अमेरिकी संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है। ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले के खिलाफ अपील की है। कोर्ट के फैसले से भारतीय मार्केट में आईटी कंपनियों के स्टॉक्स इसलिए उछल गए क्योंकि इनके रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा अमेरिकी मार्केट से आता है। इससे पहले जब टैरिफ के चलते मंदी की आशंका गहराई थी तो आईटी स्टॉक्स धड़ाम से गिर गए थे।
Nvidia के लिए कैसी रही पहली तिमाही?
जेनसेन हुआंग (Jensen Huang) की एनवीडिया के लिए वित्त वर्ष 2026 (फरवरी-जनवरी) की पहली तिमाही (फरवरी-अप्रैल 2025) उम्मीद से बेहतर रही। अमेरिकी चिप कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 69 फीसदी उछलकर $44.1 अरब पर पहुंच गया। इस दौरान एनवीडिया की नेट इनकम भी 26 फीसदी उछलकर $1877.5 करोड़ पर पहुंच गई। कंपनी के रेवेन्यू में यह तेजी चीन को एडवांस चिप बेचने पर रोक के बावजूद आई है। 9 अप्रैल 2025 को अमेरिकी सरकार ने एनवीडिया को कहा कि इसमें चीन के बाजार में अपने H20 प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए लाइसेंस लेना पड़ेगा। इसके चलते एनवीडिया को पहली तिमाही में H20 की अतिरिक्त इन्वेंट्री और खरीद दायित्वों से संबंधित $4.5 अरब का शुल्क देना पड़ा, क्योंकि H20 की मांग कम हो गई। कंपनी के टोटल इनकम में यह चार्ज शामिल है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।
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