Update

Madhabi Puri Buch: लोकपाल ने पूर्व सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के खिलाफ शिकायत करने वालों को लगाई फटकार, जानिए क्या कहा – lokpal of india says complainants can face action for making flimsy fragile allegations against madhabi puri buch

[ad_1]

भारत के लोकपाल ने पूर्व सेबी चीफ माधबी पुरी बुच को हिंडनबर्ग मामले में क्लीन चिट दी है। उन्होंने न सिर्फ बुच के खिलाफ शिकायतों को खारिज किया बल्कि शिकायतकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने यहां तक कहा कि तुच्छ और बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए शिकायतकर्ताओं के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और दो अन्य लोगों ने बुच के खिलाफ जांच की मांग की थी।

लोकपाल के पास शिकायतकर्ताओं के खिलाफ एक्शन का अधिकार

Lokpal ने यहां तक कहा कि उनके पास लोकपाल एवं लोकपालआयुक्त अधिनियम, 2013 के तहत शिकायतकर्ताओं के खिलाफ एक्शन लेने का अधिकार है। आजाद अधिकार सेना के नेशनल प्रेसिडेंट अमिताभ ठाकुर का नाम भी शिकायतकर्ताओं में शामिल था। लोकपाल ने इस मामले में अपने आदेश में कहा, “शिकायतकर्ताओं ने अपुष्ट और तुच्छ आरोप लगाए हैं, जिसका मकसद को सनसनीखेज बनाया या इसका राजनीतिकरण करना हो सकता है। इसके लिए 2013 के एक्ट के सेक्शन 46 के तहत एक्शन की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। हम इससे ज्यादा नहीं कहना चाहते।”

शिकायतकर्ता को जेल की सजा के साथ जुर्माना देना पड़ सकता है

लोकपाल एवं लोकपालआयुक्त अधिनियम, 2013 के सेक्शन 46 में झूठी शिकायतों पर एक्शन लेने, मुआवजा के पेमेंट आदि का प्रावधान है। इस सेक्शन में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति इस एक्ट के तहत झूठे या बेबुनियादा आरोप लगाता है तो उसे जेल की सजा हो सकती है। इस सजा को बढ़ाकर 1 साल किया जा सकता है और जुर्माना लगाया जा सकता है, जो 1 लाख रुपये तक हो सकता है। लोकपाल ने यह भी कहा कि बुच शिकायतकर्ताओं के खिलाफ इनकम टैक्स के नियमों के तहत शिकायत कर सकती हैं, क्योंकि उनके इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी कथित रूप से हासिल की गई और उसे सार्वजनिक किया गया।

बुच का शिकायतकर्ताओं के खिलाफ अपील करना जायज

लोकपाल के आदेश में कहा गया, “शुरुआत में बुच का हमसे शिकायतकर्ताओं खासकर तीसरे शिकायतकर्ता के खिलाफ अपील करना सही है जिसमें इनकम टैक्स एक्ट के तहत इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी हासिल करने के लिए कार्रवाई की जा सकती है। इसे पब्लिक करने के लिए भी कार्रवाई की जा सकती है, जिससे प्राइवेसी पर हमला हुआ।” ऑर्डर में लोकपाल ने यह भी कहा कि हम इस अनुरोध पर कोई आदेश नहीं दे रहे। लेकिन, बुच को सही मंच पर शिकायत करने की आजादी देते हैं। हमें इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि इस मामले में कानून के तहत कार्रवाई होगी।

यह भी पढे़ं: IndusInd Bank Insider Trading: जानिए इंडसइंड बैंक में इनसाइडर ट्रेडिंग की पूरी कहानी, किसे हुआ करोड़ों का फायदा?

बुच पर मुख्य रूप से लगाए गए थे पांच आरोप

अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अथॉरिटी ने जांच के बाद इन आरोपों को खारिज किया था। बुच ने भी इन आरोपों को झूठा बताया था। हिंडनबर्ग के आरोपों के आधार पर बुच के खिलाफ पांच मुख्य आरोप शिकायतकर्ताओं की तरफ से लगाए गए थे। लेकिन, लोकपाल को इनमें किसी तरह की सच्चाई नजर नहीं आई।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *