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Bangladesh Chittagong Factory Raid; KNF Militant Training | Manipur India | बांग्लादेश कुकी उग्रवादियों की पनाहगाह बन रहा: गुरिल्ला वॉरफेयर के लिए एक हजार उग्रवादियों को ट्रेनिंग दी; 30 हजार वर्दियां बरामद हुईं

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ढाका10 मिनट पहलेलेखक: एसएम अमानुर रहमान

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आतंकी संगठन कुकी चिन नेशनल फ्रंट के उग्रवादियों की तस्वीर। (फाइल-फोटो) - Dainik Bhaskar

आतंकी संगठन कुकी चिन नेशनल फ्रंट के उग्रवादियों की तस्वीर। (फाइल-फोटो)

बांग्लादेश कुकी उग्रवादियों की पनाहगाह बनता जा रहा है। बीते कुछ माह से प्रतिबंधित आतंकी संगठन कुकी चिन नेशनल फ्रंट (KNF) की गतिविधियों में यहां तेजी देखी गई है। इस बीच चटगांव में KNF की बड़ी साजिश का भंडाफोड़ हुआ है।

सुरक्षा एजेंसियों ने चटगांव की एक फैक्ट्री पर छापा मारकर करीब 30 हजार सैन्य वर्दियां जब्त कीं, जिनकी कीमत 20 करोड़ टका आंकी गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि 10 हजार वर्दियां पहले ही उग्रवादियों तक पहुंच भी चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, ये वर्दियां एक गुरिल्ला युद्ध के लिए तैयार की गई थीं।

प्रारंभिक जांच के अनुसार, इस साजिश के तहत भारत के मणिपुर और मिजोरम, म्यांमार के चिन और रखाइन राज्य, तथा बांग्लादेश के चटगांव हिल ट्रैक्ट्स को एक साथ दहला देने की तैयारी थी।

खुफिया रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि KNF के पास तीन हजार प्रशिक्षित उग्रवादी हैं, जिनमें से लगभग एक हजार को हाल ही में गुरिल्ला वॉरफेयर की विशेष ट्रेनिंग दी गई है।

भारत भी इस खतरे को लेकर सतर्क है, क्योंकि 2024 में मणिपुर में हुए रॉकेट हमलों में KNF की भूमिका की जांच चल रही है। इसके अलावा, संगठन ने बांग्लादेश में कई बैंक डकैतियों को अंजाम दिया है।

भारत भी इस खतरे को लेकर सतर्क है, क्योंकि 2024 में मणिपुर में हुए रॉकेट हमलों में KNF की भूमिका की जांच चल रही है। इसके अलावा, संगठन ने बांग्लादेश में कई बैंक डकैतियों को अंजाम दिया है।

KNF ने बांग्लादेश में अलकायदा से जुड़े अंसार संगठन से हाथ मिलाया

खुफिया एजेंसियों के अनुसार KNF ने बांग्लादेश में अलकायदा समर्थित आतंकी संगठन अंसार अल इस्लाम से गठजोड़ किया है।

सूत्रों के मुताबिक, KNF के कई उग्रवादियों को अंसार के आतंकी शिविरों में गुरिल्ला वॉरफेयर और आत्मघाती हमलों की ट्रेनिंग दी गई है। बदले में, KNF ने अंसार को पहाड़ी इलाकों में छिपने के लिए सुरक्षित पनाहगाह और रसद समर्थन देने की पेशकश की है।

यह गठजोड़ बांग्लादेश, भारत व म्यांमार के लिए चिंता का कारण बन सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि KNF उग्र इस्लामी आतंकी नेटवर्क का हिस्सा बनता जा रहा है, जिसका उद्देश्य अस्थिरता फैलाना है।

बांग्लादेश-भारत-म्यांमार के संबंधों में कड़वाहट का फायदा उठा रहा KNF

अगस्त 2024 में बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता का तख्तापलट व फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट हुआ। इन घटनाओं के बाद से बांग्लादेश-भारत-म्यांमार में कड़वाहट आई है।

इसका फायदा केएनएफ उठा रहा है। बीते कुछ वर्षों में केएनएफ विस्तार कर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

विदेशी फंडिंग और कूटनीतिक संघर्षों से KNF मजबूत होता जा रहा है

KNF को अब चीन और अमेरिका दोनों से अप्रत्यक्ष समर्थन मिलने की खबरें हैं। म्यांमार के क्योकप्यू पोर्ट पर चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना को नुकसान पहुंचाने के लिए अमेरिका KNF का इस्तेमाल कर रहा। वहीं, चीन पर म्यांमार में हित साधने के लिए KNF को समर्थन देने का आरोप है।

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