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नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
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खबर के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, कोचीन शिपयार्ड, भारत डायनेमिक्स जैसी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को पांचवीं पीढ़ी के एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के एक्जीक्यूशन मॉडल को मंजूरी दे दी। यह भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने और घरेलू एयरोस्पेस इंडस्ट्री को मजबूत करने के लिए एक अहम कदम है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) की देखरेख में भारतीय कंपनियां यह एयरक्राफ्ट तैयार करेगी। इसके निर्माण के लिए सरकारी कंपनियों के साथ ही निजी कंपनियों को भी बोली लगाने का मौका दिया जाएगा। ADA जल्द ही इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी करेगा।
एयरक्राफ्ट बनाने के लिए निजी कंपनियों को भी मौका देने की की घोषणा से डिफेंस और इससे जुड़े सेक्टर्स की कंपनियों के शेयरों में करीब 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वहीं, निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स 52 सप्ताह के नए हाई 8,674.05 पर पहुंच गया।
क्या है AMCA प्रोजेक्ट
- अप्रैल 2024 में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी फाइटर जेट के डिजाइन और विकास के लिए 15 हजार करोड़ की परियोजना को मंजूरी दी थी। इस फाइटर जेट का नाम ‘एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ (Advanced Medium Combat Aircraft – AMCA) है।
- इसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जाना है। ADA इस प्रोग्राम के एक्जीक्यूशन और एयरक्राफ्ट डिजाइन करने के लिए नोडल एजेंसी है। ADA रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के तहत आता है।
- यह भारतीय वायु सेना के अन्य लड़ाकू विमानों से बड़ा होगा। इसमें दुश्मन के रडार से बचने के लिए उन्नत स्टील्थ विशेषताएं होंगी। यह वैश्विक स्तर पर उपयोग में आने वाले पांचवीं पीढ़ी के अन्य स्टील्थ लड़ाकू विमानों के जैसा या उससे भी बेहतर होगा।

अमेरिकी रक्षा विभाग का सबसे महंगा विमान F-35 F-35 लड़ाकू विमान 5वीं जनरेशन का विमान है। इसे लॉकहीड मार्टिन ने डेवलप किया है। इस प्लेन को 2006 से बनाना शुरू किया गया था। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना का एक अहम हिस्सा है।
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के इतिहास में सबसे महंगा विमान F-35 ही है। अमेरिका एक F-35 फाइटर प्लेन पर 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है।
अमेरिका की भारत को जैवलिन मिसाइल और स्ट्राइकर टैंक की पेशकश

जैवलिन: एंटी टैंक मिसाइल यह एंटी टैंक हथियार है। अमूमन गुरिल्ला युद्ध में इस्तेमाल करते हैं। ये बेहद सख्त सुरक्षा कवच को भी भेद सकती है। इसे सैनिक कंधे पर रखते ऑपरेट करते हैं। इसकी रेंज 2500 मीटर तक होती है। 160 मीटर की ऊंचाई में भी जा सकती है। इसकी लंबाई 108 सेमी और वजन 22.3 किलो होता है।

स्ट्राइकर: सशस्त्र सैन्य वाहन अमेरिकी स्ट्राइकर 8 व्हील वाला सैन्य वाहन है। इसमें 30 एमएम और 105 एमएम की गन है। ये 100 किमी/घंटे से चल सकता है। लंबाई 22 फीट 10 इंच, चौड़ाई 8 फीट 11 इंच, ऊंचाई 8 फीट 8 इंच है। इसे हेलिकॉप्टर से ऊंची जगह पहुंचा सकते हैं। लद्दाख में ट्रायल हो चुका।
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