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Shiprocket IPO: कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट पेपर जमा, रह सकते हैं ₹1200 करोड़ तक के नए शेयर – shiprocket has filed confidential draft papers with sebi for ipo plans to raise upto rs 2500 crore fresh share sale worth upto rs 1200 crore

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Shiprocket IPO: शिपरॉकेट ने अपने IPO के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट पेपर जमा कर दिए हैं। यह बात CNBC-TV18 को सोर्सेज से पता चली है। कंपनी अपने IPO से 2,000-2,500 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाना चाहती है। कॉन्फिडेंशियल रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं।

कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग कंपनियों को सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। दूसरी ओर स्टैंडर्ड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइलिंग के बाद एक पब्लिक डॉक्युमेंट बन जाता है।

IPO में नए शेयरों के साथ-साथ OFS भी

शिपरॉकेट के IPO में ₹1,000-1,200 करोड़ के नए शेयर रहेंगे। साथ ही मौजूदा निवेशकों की ओर से ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) भी रहेगा। IPO में नए शेयरों को जारी करके हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल प्रोडक्ट डेवलपमेंट, रणनीतिक अधिग्रहण, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और कंपनी के टेक्नोलॉजी स्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

शिपरॉकेट में ग्लोबल इनवेस्टमेंट कंपनी टेमासेक और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो का भी पैसा लगा हुआ है। शिपरॉकेट एक शिपिंग प्रोवाइडर से डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांड्स और MSMEs के लिए एक फुल-स्टैक ई-कॉमर्स इनेबलर बन चुकी है। एक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, शिपरॉकेट के आईपीओ के बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं।

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शिपरॉकेट का ऑपरेटिंग रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024 में सालाना आधार पर 21% बढ़कर ₹1,316 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। रीस्ट्रक्चरिंग कॉस्ट और ESOP से जुड़े खर्चों के कारण कंपनी को ₹595 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ। शिपरॉकेट ने हाल ही में भारत का पहला एआई-इंटीग्रेटेड मॉडल कॉन्टेक्स्ट प्रोटोकॉल सर्वर लॉन्च किया है। यह सर्वर एआई एजेंट्स को एक ही लाइन के निर्देश का इस्तेमाल करके शिपिंग दरों की जांच से लेकर ऑर्डर ट्रैक करने तक के प्रमुख कार्यों को सीधे संभालने की इजाजत देता है।

12 करोड़ से अधिक एंड यूजर्स को देती है सर्विस

शिपरॉकेट 49 करोड़ से अधिक ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शंस को प्रोसेस करती है और अपने मुख्य कारोबार के माध्यम से 12 करोड़ से अधिक एंड यूजर्स को सर्विस देती है। इसका लॉजिस्टिक्स नेटवर्क पूरे भारत में 19,000 पिन कोड को कवर करता है और अपनी क्रॉस बॉर्डर क्षमताओं के जरिए 160 से अधिक देशों तक पहुंच रखता है। मामाअर्थ, Giva, एमकैफीन और बेलाविटा जैसे D2C ब्रांड, शिपरॉकेट के एंड-टू-एंड सॉल्यूशंस का फायदा उठाते हैं। शिपरॉकेट की शुरुआत जनवरी 2012 में साहिल गोयल और गौतम कपूर ने की थी।

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