[ad_1]
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुलआम कबूल किया है कि भारतीय सेनाओं ने 9-10 मई की रात को इस्लामाबाद के नियोजित हमले को नाकाम कर दिया था, जब भारत ने रावलपिंडी हवाई अड्डे सहित उसके प्रमुख सैन्य ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलें दागी थीं। अजरबैजान के लाचिन में पाकिस्तान-तुर्की-अजरबैजान त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन में बोलते हुए शरीफ ने कहा कि फील्ड मार्शल असीम मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना ने 10 मई को सुबह की नमाज के बाद 4:30 बजे भारत पर हमला करने की योजना बनाई थी। हालांकि, सुबह से पहले ही भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों से कई पाकिस्तानी सैन्य और रणनीतिक ठिकानों पर हमला कर दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, “9-10 मई की रात को हमने भारतीय आक्रामकता का जवाब संयमित तरीके से देने का फैसला किया। हमारे सशस्त्र बल सुबह फज्र की नमाज के बाद 4.30 बजे कार्रवाई करने के लिए तैयार थे, ताकि सबक सिखाया जा सके। लेकिन उस समय से पहले ही भारत ने एक बार फिर ब्रह्मोस का इस्तेमाल करते हुए रावलपिंडी के हवाई अड्डे सहित पाकिस्तान के अलग-अलग प्रांतों को निशाना बनाकर मिसाइल हमला किया।”
India hit airbases with BrahMos before Pak could act, admits Shehbaz Sharif
Now Pakistanis come & deny this!! pic.twitter.com/zjp1wtUdv9 — Mountain Rats (@mountain_rats) May 29, 2025
उन्होंने कहा, “भारत ने हमारे नियोजित हमले का समय आने से पहले नूर खान (रावलपिंडी) और मुरीद (चकवाल) ठिकानों को नष्ट कर दिया।’’
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले के लिए अपनी शक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल किया।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर स्थिति को और खराब कर दिया था और भारतीय शहरों पर हमला करने के लिए ड्रोन भेजे थे, हालांकि, उन्हें एयर डिफेंस सिस्टम – S-400 और आकाश ने रोककर मार गिराया था। भारत ने उकसावे का जवाब दिया था और पाकिस्तान के कई शहरों में अपने ड्रोन भेजे थे।
बाद में, 10 मई को नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच युद्धविराम की घोषणा की गई, जब पाकिस्तान के DGMO ने दिल्ली में अपने समकक्ष से सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए संपर्क किया।
पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान और POK में नौ आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत “सटीक हमले” किए।
इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर के 10 परिवार के सदस्यों और चार करीबी सहयोगियों सहित 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।
निशाने पर बहावलपुर में जैश का मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां में सरजल कैंप, कोटली में मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप शामिल थे।
लश्कर के गढ़ – मुर्दिके में मरकज तैयबा, बरनाला में मरकज अहले हदीस और मुजफ्फराबाद में शववाई नल्ला कैंप को भी निशाना बनाया गया। कोटली में मक्का राहील शाहिद और सियालकोट में महमूना जोया में हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को भी निशाना बनाया गया।
[ad_2]
Source link