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सस्ते लोन वाले KCC को लेकर मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, झूम उठेंगे किसान – kisan credit card cabinet extends interest subvention scheme for fy26 over 7 75 crore farmers to benefit

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Kisan Credit Card: केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए 28 मई को संशोधित ब्याज छूट योजना(MISS) को वित्तीय वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। यह योजना किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए किसानों को सस्ती दरों पर कम अवधि के ऋण उपलब्ध कराती है। इस कदम से देश भर के करोड़ों किसानों को सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी दी। सरकार ने इस योजना को जारी रखने के लिए ₹15640 करोड़ के बजट का आवंटन किया है।

कैसे काम करती है ब्याज छूट योजना?

MISS योजना किसानों को 7% की रियायती ब्याज दर पर लोन दिलाने में मदद करती है। इस 7% ब्याज दर में से 1.5% ब्याज का खर्च सरकार वहन करती है, जो लोन देने वाले संस्थानों को ब्याज छूट के रूप में दिया जाता है। जो किसान अपना लोन समय पर चुकाते हैं, उन्हें 3% का अतिरिक्त ‘शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन’ मिलता है। इससे उनकी इफेक्टिव ब्याज दर सिर्फ 4% रह जाती है, जो कि किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है।

योजना में कोई बदलाव नहीं

सरकार ने इस योजना की संरचना में कोई बदलाव नहीं किया है। इस योजना के तहत अभी भी खेती के लिए ₹3 लाख तक के कम अवधि के ऋण और पशुपालन व मत्स्य पालन जैसी संबद्ध गतिविधियों के लिए ₹2 लाख तक के लोन लिए जा सकते है।

क्या है किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)?

KCC को 1998 में लॉन्च किया गया था। यह किसानों को खेती और अन्य जरूरतों के लिए समय पर लोन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह किसानों को बीज, उर्वरक और मशीनरी खरीदने में मदद करता है ताकि वे कर्ज के जाल में न फंसें। यह कार्ड एक डेबिट कार्ड के रूप में भी काम करता है, जिससे नकद निकासी भी की जा सकती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में 7.75 करोड़ से अधिक एक्टिव KCC खाते है। हाल के सालों में KCC के माध्यम से लोन लेने की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है। 2014 में इसका आंकड़ा ₹4.26 लाख करोड़ था, जो दिसंबर 2024 तक बढ़कर ₹10.05 लाख करोड़ हो गया है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है MISS

MISS योजना के विस्तार पर अधिकारियों ने बताया कि, MISS का विस्तार संस्थागत चैनलों के माध्यम से कम लागत वाले लोन के निरंतर प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह छोटे और सीमांत किसानों का समर्थन करता है और ग्रामीण ऋण प्रणाली को मजबूत करता है। आधिकारिक बयान में कहा गया कि ‘किसानों के लिए एक स्थिर ब्याज छूट दर आवश्यक है’। उन्होंने बताया कि कृषि लोन के प्रवाह में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है। लोन का आंकड़ा साल 2013-14 में ₹7.3 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹25.49 लाख करोड़ हो गया है। यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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