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शेयर बाजार में पिछले तीन महीनों से तेजी लौट आई है। इस दौरान दो निवेशक काफी आक्रामक तरीके से बाजार में पैसे लगा रहे हैं। पहले FIIs यानी विदेशी संस्थागत निवेशक और दूसरे DIIs यानी घरेलू संस्थागत निवेशक। लेकिन इस सबसे बीच एक निवेशक ऐसा है जो लगातार मार्केट से बाहर निकल रहा है। हम बात कर रहे हैं रिटेल निवेशक यानी बाजार के छोटे निवेशकों की। पिछले 3 महीने में इन छोटे निवेशकों ने करीब 25,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं। यानी एक ओर सेंसेक्स और निफ्टी ऊपर जा रहे और दूसरी ओर रिटेल निवेशक बाजार से दूरी बना रहे हैं। रिटेल निवेशकों के इस डर की क्या वजह है?
शेयर बाजार में मार्च महीने से तेजी लौट आई है। सेंसेक्स और निफ्टी इस दौरान अपने निचले स्तर से करीब 12 फीसदी तक चढ़ चुके हैं। लेकिन रिटेल निवेशकों इस दौरान लगातार बिकवाली कर रहे हैं। रिटेल निवेशकों ने सबसे पहले मार्च में 16,318 करोड़ के शेयर बेचे, फिर उन्होंने अप्रैल महीने में 2,000 करोड़ के शेयर बेचे और इस महीने मई में भी अब तक वे करीब 7,100 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेच चुके हैं।
इन आंकड़ों से साफ है कि रिटेल निवेशक अब शेयर बाजार से पैसा खींचने में लगे हुए हैं। लेकिन दूसरी ओर जो शेयर बाजार के बड़े निवेशक हैं, जैसे- म्यूचुअल फंड्स और विदेशी संस्थागत निवेशक, वे लगातार खरीदार बने हुए हैं। म्यूचुअल फंड्स (MFs) के आंकड़े देखे तो पता चलता है कि मई में उन्होंने अब तक 24,792 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। वहीं इससे पहले अप्रैल में उन्होंने 18,062 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी, जबकि मार्च में उन्होंने 13,459 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) का भी कुछ ऐसा ही ट्रेंड रहा। FIIs ने मार्च महीने से शेयर बाजार में खरीदारी शुरू की और उस महीने उन्होंने 1,718 करोड़ रुपये की खरीदारी की। अप्रैल में उन्होंने 10,732 करोड़ रुपये की खरीदारी और मई महीने में अब तक 15,843 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी कर चुके हैं। यानी जब रिटेल इनवेस्टर बेच रहे हैं, तो बड़े निवेशक तेजी से खरीदारी कर रहे हैं।
आखिर रिटेल निवेशक यह बिकवाली क्यों कर रहे हैं? एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके पीछे तीन बड़ी वजहें हैं। पहली वजह है मुनाफा बुकिंग। पिछले एक साल में आई जबरदस्त तेजी के बाद अब निवेशक अपना मुनाफा बुक कर रहे हैं। दूसरी वजह है मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का ऊंचा वैल्यूएशन, जिसकी वजह से रिटेल निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं। तीसरी वजह है बाजार में आई पिछली गिरावट का डर।
शेयर बाजार में सितंबर 2024 से लेकर फरवरी 2025 तक, करीब 6 महीने काफी लंबी और बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। सितंबर से फरवरी तक, लार्ज कैप में 10–15% और मिड-स्मॉल कैप में 18–20% तक की गिरावट आई। कई छोटे निवेशक जिन्होंने कोविड के बाद पहली बार निवेश किया था, इस गिरावट से घबरा गए।
लेकिन इस सबके बीच रिटेल निवेशकों ने म्यूचुअल फंड के जरिए अपनी SIP चालू रखी है। यानी की लॉन्ग-टर्म में बाजार से निवेश को लेकर निवेशकों का भरोसा अभी भी मजबूत बना हुआ है।
Choice Wealth केनिकुंज साराफ ने मनीकंट्रोल को बताया कि रिटेल निवेशकों का बाजार से भरोसा टूटा नहीं है, बल्कि हालिया गिरावट के बाद अब वे अपने पोर्टफोलियो की काफी सोच-समझकर रीबैलेंसिंग कर रहे हैं, जिसके चलत यह बिकवाली देखने को मिल रही है।
ओमनीसाइंस कैपिटल के विकास गुप्ता ने बताया कि “रिटेल निवेशक फिलहाल अपनी पूंजी बचने से खुश हैं. जल्द ही ‘FOMO’ (फियर ऑफ मिसिंग आउट) उन्हें बाजार में वापस खींच सकता है।” कुल मिलाकर, रिटेल निवेशकों की मौजूदा रणनीति “थोड़ा मुनाफा बुक करो, पूंजी बचाओ” की लगती है। लेकिन जिस तरह से बाजार मजबूत हो रहा है, ऐसा माना जा रहा है कि रिटेल इन्वेस्टर जल्द ही बाजार में वापसी कर सकते हैं।
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