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Delhi NCR Real Estate: दिल्ली-एनसीआर का रियल एस्टेट सेक्टर में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। इस बूम के पीछे सबसे बड़ा कारण है- मजबूत और तेजी से होता इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, द्वारका एक्सप्रेसवे, आरआरटीएस और मेट्रो विस्तार जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स ने न केवल कनेक्टिविटी को बेहतर किया है, बल्कि नए रियल एस्टेट कॉरिडोर खोल दिए हैं, जहां घर खरीदने वालों और निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है।
गुरुग्राम बना इन्वेस्टमेंट हब
एनारॉक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 5 सालों में दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी की कीमतों में औसतन 81% तक का इजाफा हुआ है। खासकर गुरुग्राम के प्रीमियम इलाकों में ये बढ़त 98% तक पहुंच गई है।
इसकी वजह बताते हुए लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर कहते हैं, ‘गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे इलाकों में पिछले कुछ सालों में जबरदस्त बदलाव आया है। चौड़ी सड़कें, एक्सप्रेसवे से सीधा जुड़ाव और मेट्रो की पहुंच ने इन सेक्टरों को नया बाजार बना दिया है। लोग अब दिल्ली की बजाय गुरुग्राम के इन नए क्षेत्रों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, क्योंकि ये इन्फ्रास्ट्रक्चर, सुविधाजनक और निवेश के लिहाज से बेहतर साबित हो रहे हैं।’
2019 में जहां न्यू गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की कीमत ₹5,400 प्रति वर्गफुट थी, वहीं 2024 में ये ₹10,700 प्रति वर्गफुट तक पहुंच गई है। यानी 98% की बढ़त, जो इसे एनसीआर का सबसे ज्यादा बढ़ने वाला माइक्रोमार्केट बनाता है।
अफोर्डेबल सेगमेंट में बढ़ी डिमांड
एमआरजी ग्रुप के एमडी रजत गोयल ने कहा अब घर खरीदने वालों की सोच पहले से काफी बदल गई है। लोग सिर्फ बजट में घर नहीं ढूंढ रहे, बल्कि ऐसी जगहों की तलाश कर रहे हैं जहां अच्छी कनेक्टिविटी, चौड़ी सड़कें, मेट्रो की सुविधा और सुरक्षित माहौल हो।
गोयल का कहना है कि द्वारका एक्सप्रेसवे और उसके आसपास के सेक्टरों में इसी वजह से मिड सेगमेंट के साथ-साथ लग्जरी हाउसिंग की डिमांड में जबरदस्त तेजी आई है। कोविड के बाद लोगों में यह समझ बढ़ी है कि घर की लोकेशन, आस-पास का इंफ्रास्ट्रक्चर और लाइफस्टाइल फैसिलिटीज कितनी अहम होती हैं।
ऑफिस और रिटेल की डिमांड भी बढ़ी
ओकस ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश मेहता का कहना है कि कमर्शियल रियल एस्टेट खासकर ऑफिस और रिटेल स्पेस की डिमांड में न्यू गुरुग्राम, SPR और द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे इलाकों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। पुराने बिजनेस सेंटर अब छोटे पड़ने लगे हैं। ऐसे में कंपनियां नए क्षेत्रों की तरफ बढ़ रही हैं, जहां बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और एयरपोर्ट से नजदीकी जैसे फायदे हैं।
नोएडा के बाद जेवर बना बड़ा गेम चेंजर
नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे जोन में भी इन्फ्रास्ट्रक्चर की बदौलत प्रॉपर्टी की मांग में बड़ी तेजी आई है। न्यू नोएडा प्रोजेक्ट और जेवर एयरपोर्ट ने इस इलाके की तस्वीर बदल दी है। जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट इलाके के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।
एक्सपर्ट का मानना है कि एयरपोर्ट चालू होने के बाद अंतरराष्ट्रीय कंपनियां और इन्वेस्टर्स यहां की तरफ आकर्षित होंगे। कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जेवर अब सबसे तेजी से बढ़ने वाले रियल एस्टेट माइक्रो मार्केट्स में से एक बन गया है। यहां जमीन की कीमतें पिछले 5 सालों में 40% से ज्यादा बढ़ चुकी हैं।
सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर मार्केटिंग एंड बिजनेस मैनेजमेंट, सलिल कुमार का कहना है कि नोएडा एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा और जेवर एयरपोर्ट कॉरिडोर जैसे इलाकों में जिस रफ्तार से इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, उसने पूरे वेस्ट यूपी रियल एस्टेट मार्केट को नई ऊर्जा दी है। अब यह क्षेत्र केवल रहने का नहीं, बल्कि निवेश और रेंटल के लिए भी शानदार ऑप्शन बन चुका है।
इन इलाकों में दिखा बड़ा उछाल
- न्यू गुरुग्राम: 98% तक प्रॉपर्टी कीमतों में बढ़त
- गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड, गुरुग्राम: 95% तक बढ़ोतरी
- द्वारका एक्सप्रेसवे: 79% की ग्रोथ
- नोएडा एक्सप्रेसवे: 69% का इजाफा
- जेवर: जमीन की कीमतें 40% तक बढ़ीं
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